
आखिर क्यों स्वस्थ शरीर हीं असली धन हैं ( Health is Wealth)
पहले रखो शरीर का ध्यान !
उसके बाद करो सारे काम !!
Health is wealth in hindi
हमारे विद्वानों ने बिल्कुल सही हीं कहा हैं स्वास्थ्य हीं जीवन का असली धन हैं। हम धन सिर्फ पैसे को हीं समझते हैं,लेकिन हम यह नहीं जानते की अगर हम पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं तो हमारा स्वास्थ्य और हमारा शरीर हीं हमारा असली धन हैं। पैसा तो हम कभी भी कमा सकते हैं,पर शरीर को स्वस्थ रखना सबसे मुश्किल कार्य हैं। इसलिए कहा जाता हैं Health Is Wealth.
स्वस्थ शरीर हमारा धन
स्वास्थ्य ही सब कुछ है और इसके बिना धन भी बर्बाद है।निरोगी काया ही वर्तमान समय में सर्वश्रेष्ठ धन है।स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है,जिसे हम पैसे से नहीं खरीद सकते लेकिन हम इसकी देखभाल कर सकते हैं। एक व्यक्ति अपने अच्छे स्वास्थ्य के बिना स्वयं को संपूर्ण और खुश महसूस नहीं कर सकता है।
आधुनिक युग में स्वास्थ्य और धन
हमारा आधुनिक जीवन बहुत ही व्यस्त और मुश्किलों से भरा हुआ है। भागदौड़ भरी इस दुनिया में अधिक पैसे कमाने की लालसा में हम इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य के विषय में बातें करना भी भूल जाते हैं। बिना अच्छे स्वास्थ्य के आप के ठाठ या राजशाही जिंदगी का कोई महत्व नहीं । अगर आपकी तबीयत थोड़ी भी खराब हो तो आप समय रहते डॉक्टर से जाँच जरूर करवाएं,क्योंकि जीवन में आपका स्वास्थ्य आपकी पहली प्राथमिकता होना चाहिए।
स्वस्थ कैसे रहें ?
स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरूरी है आप रोज नित्य व्यायाम करते रहें। एक अच्छे स्वास्थ्य और अच्छी आदतों को बनाए रखने के लिए बचपन से ही बच्चों को सिखाना बहुत आवश्यक होता है। सही खाने के साथ-साथ सही समय पर भोजन करना भी जरूरी होता है। परंतु आज के जीवन में लोग बहुत ही ज्यादा जंक फूड और तेल के साथ नमक युक्त खाना खा रहे हैं,जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सही पौष्टिक आहार जैसे सब्जियां,फल और दूध हमारे शरीर को ताकत देते हैं और आवश्यक विटामिन की पूर्ति करते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से प्रातःकाल घूमना,व्यायाम करना,सही समय पर आराम और अच्छी नींद अत्यंत आवश्यक है।
मानव और स्वास्थ्य
मानव शरीर एक मशीन की तरह है, जिस तरह मशीन को काम में न लाने से वह ठप पङ जाती है जंग लग जाती है, ठीक उसी प्रकार मानव शरीर को स्वास्थ्य नहीं रखने से,शरीर बीमार पड़ जाती है,रोग ग्रस्त हो जाती है। पहले मनुष्य में शारीरिक परिश्रम, व्यायाम, समाजिक लगाव के साथ समाजिक कल्याण की भावनाओं इत्यादि अधिक होने के कारण बीमार कम पडते थे।
पहले के समय में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
पहले लोग कारखानों, खेतों में इत्यादि जगहों पर काम किया करते थे। बच्चे समुह बनाकर खेलते थे। बडे दूर देश पैदल चला करते थे,लेकिन आज लोग एक जगह से दूसरे जगहों पर जाने के लिए कार,बाईक, हवाई जहाज इत्यादि का प्रयोग करते हैं। इसने हमारे जीवन शैली पर खतरनाक प्रभाव डाला है। पहले लोगों की दिनचर्या अच्छी थी, जिसके कारण लोग कम बीमार पड़ते थे। दैनिक व्यायाम, कसरत , संतुलित आहार लिया करते थे। पहले लोग बीमारीयों के इलाज के लिए अंग्रेज़ी दवाई के बदले आयुर्वेदिक दवाई प्रयोग करते थे और स्वस्थ रहते थे। हम यह कह सकते हैं कि उनकी दैनिक दिनचर्या हीं उनका असली धन था जो कि उनका स्वास्थ्य था।
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