About badminton in hindi

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Introduction-About badminton in hindi

बैडमिंटन खेल रैकेट के द्वारा खेले जाने वाला एक खेल हैं। इस खेल में दो पक्ष होते है जो एक दूसरे के  सामने खड़े होते है इनके बीच में एक विभाजक रेखा होती हैं। जो नेट ( जाली) के रूप में होती है। और सामना स्थान प्राप्त होता है खिलाड़ियों को खेलने  के लिए। दोनो पक्ष एक दूसरे की तरफ रैकेट की मदद से शटल कॉक को पहुंचाते हैं। यह शटल कॉक जिस खिलाड़ी के पाले में गिर जाती है उसके विपक्षी के वह पॉइंट मिल जाता हैं। यह खेल खिलाड़ीयो की संख्या के आधार पर तीन प्रकार का होता हैं।

बेडमिंटन के प्रकार

1.एकल बैडमिंटन ( इसमें दोनो तरफ दो खिलाड़ी एक दूसरे के खिलाफ खेलते हैं)।

2. युगल बैडमिंटन ( इसमें एक तरफ दो खिलाड़ी होते हैं अर्थात दोनो पक्षों को मिलाकर 4 खिलाड़ी)।

3. मिश्रित बैडमिंटन ( यह भी एक युगल बैडमिंटन है जिसमे एक पुरुष और एक महिला साथ एक पक्ष में होते है) ।

बेडमिंटन का इतिहास

बैडमिंटन खेल की शुरुआत 19वीं शताब्दी में भारत में हुई थी यहां पर पूना छावनी में कुछ अंग्रेज अधिकारियों द्वारा और सैनिकों द्वारा इस प्रकार खेले जाने वाला कोई खेल बनाया गया था। चुकी ये खेल पूना छावनी के अंदर शुरू किया गया था

इसलिए इस खेल का पहले नाम पूनाई था। जब यहा से वही अंग्रेज अधिकारी रिटायर हुए और अपने वतन इंग्लैंड गए तो वहां जाकर उन्होंने इस खेल को प्रसारित किया और इस खेल से संबंधित नए नियम नए तौर-तरीके बनाएं और शटल कॉक से खेलने या चिड़िया से खेलने का प्रचलन भी वहीं से शुरू हुआ इसके पहले इसे ऊन के गोले से खेला जाता था। ग्लूस्टारशायर ( इंग्लैंड) नामक स्थान पर हुई मीटिंग में इसे पहली बार बैडमिंटन नाम दिया गया।

1899 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप भी शुरू की, जो विश्व की पहली बैडमिंटन प्रतियोगिता बनी। वर्ल्डस बैडमिंटन यूनियन की स्थापना 1934 में की गई जिस के संस्थापक देशों में डेनमार्क, कनाडा, इंग्लैंड आदि देश थे। बैडमिंटन को ओलंपिक्स में 1992 में शामिल किया गया था आज यह खेल दुनिया के अधिकांश देशों में खेला जाता है।

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खेल का मैदान

बैडमिंटन के खेल के मैदान को कोर्ट कहा जाता है जहां कोर्ट आयताकार होता है। एकल खिलाड़ी और युगल खिलाड़ी के लिए यही कोर्ट होता है इसी कोर्ट के अंदर कुछ रेखाएं होती हैं जिनके आधार पर इसे एकल कोर्ट और यूगल कोर्ट में विभाजित कर देते हैं।

एकल कोर्ट की चौड़ाई 44 फीट लंबाई 17 फिट होती है। वहीं युगल कोर्ट की चौड़ाई 44 फीट लंबाई 20 फीट होती है। 44 फीट चौड़े इस कोर्ट के बीचो बीच एक रेखा खींची होती है जिसके ऊपर जाली नंबर नेट को बांध दिया जाता है जो दोनों पक्षों के बीच में एक विभाजक रेखा का काम करती है।

इस जाली से 6:30 फीट दूरी पर दोनों खिलाड़ियों के लिए सर्विस लाइन बनाई जाती है जहां से वह शटल कॉक को खेलना प्रारंभ करते हैं। दोनों तरफ के पक्षों का कोर्ट दो भागों में विभाजित होता है यदि एक तरफ वाला खिलाड़ी राइट कोर्ट में खड़ा है तो दूसरी तरफ वाला खिलाड़ी लेफ्ट कोर्ट में खड़ा होगा।

खेल की रणनीति और नियम

टाॅस  

खेल के आरंभ में सिक्का उछाला जाता है सिक्का जिस खिलाड़ी के पक्ष में गिरता है वह खिलाड़ी यूज करता है कि उसे सर्विस देना है या रिसीव करना है। या वह निर्धारित कर सकता है कि वह किस साइड से खेलेगा यदि वह दोनों में से कोई एक चीज निर्धारित करता है तो अगली बात दूसरा खिलाड़ी निर्धारित करता है।

सर्विस

जिस खिलाड़ी के पक्ष में सर्विस आती है अगले खिलाड़ी को सर्विस करता है यह दोनों खिलाड़ी एक दूसरे के समानांतर खड़े होते हैं यदि सर्विस करने के दौरान शटल कोर्ट दूसरे खिलाड़ी के दायरे में गिर जाती है तो उस खिलाड़ी को पॉइंट मिलता है।

फाॅल्ट

खिलाड़ी यदि शटल कॉक विरोधी पक्ष के दायरे में गिरा दे, तो कोई समस्या नहीं ।यदि वह शटल उसी के दायरे में गिर जाए या बाहरी दायरे में चले जाए या छत से टच हो जाए तो इसे फॉल्ट कहा जाता है।

खेल

दोनों पक्षों के मध्य में तीन परियां होती है प्रत्येक पारी 21 अंकों के लिए होती हैं। इन तीन पारियों में से किसी भी एक दल को दो पारियां जितनी होती है यदि कोई दल शुरुआती दो पारियां जीत जाता है तो विजेता घोषित कर दिया जाता है।

बेडमिंटन के स्ट्रोक

 बैडमिंटन में बहुत सारे स्ट्रोक्स होते हैं जिन्हें विभिन्न तरीकों से मारा जा सकता है ।स्थिति के अनुसार स्ट्रोक को फोरहैंड और बेकहैंड दोनों स्थिति से मार सकते हैं। फोरहैंड यदि शटल कॉक को उसी दिशा से मारा जाता है जिस दिशा में हाथ था तो उसे फोरहैंड कहते हैं। बैकहैंड  यदि शटल कॉक को विपरीत दिशा से मारा जाता है तो उसे बैकहैंड कहते हैं।

बेडमिंटन कप

ओलंपिक

थामस कप

उबर कप

सुदीरमान कप।

भारत के उत्कृष्ट खिलाड़ी

प्रकाश पादुकोण, श्रीकांत किदांबी, पी वी सिंधु, साइना नेहवाल,  पुल्लेला गोपीचंद।

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