
Indian Budget in Hindi | Indian Budget
Introduction
आइए जानते हैं बजट की दुनिया को
मानव जीवन में कर्म और अर्थ ( धन) समान महत्व रखते हैं। किसी भी राष्ट्र को यदि बेहतर विकास करना है तो उसके दो चीजे होना जरूरी हैं। पहला बेहतर नीति और दूसरा उन नीतियों पर कार्य करने के लिए पर्याप्त धन।
जैसे समय के साथ नीतियां बदल जाती हैं वैसे ही हर बार नीति के साथ और समय के साथ धन का भी लेखा जोखा होना चाहिए या कहे वित्त का विवरण होना चाहिए।
और इसी को जन सामान्य की भाषा में बजट का प्रस्तुतिकरण कहते हैं। बजट एक व्यक्ति का होता है, एक परिवार का होता है और एक देश का भी होता हैं।
बजट क्या हैं ?
बजट सरकार की आय ( राजस्व) और व्यय का वार्षिक वित्तीय विवरण हैं। संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय
वर्ष के दौरान ,संसद के दोनों सदनों के समक्ष वार्षिक वित्तीय विवरण रखवाते है, जिसमे सरकार के गत वर्ष के आय व व्यय का ब्योरा होता है।
बजट कौन पेश करता हैं
राष्ट्रपति को आज्ञा से बजट बिल संसद के दोनो सदनों के समक्ष रखा जाता है। संविधान में यह नियम है की कोई भी मंत्री बजट पेश कर सकता हैं पर सामान्यत वित्त मंत्री ही बजट पेश करता हैं।फिर इस पर विचार होता है।
बजट शब्द कैसे बना
बजट शब्द फ्रांसीसी शब्द बुगे से बना हैं, जिसका अर्थ चमड़े का थैला होता हैं। फ्रांस की संसद में एक बार इसी प्रकार के थैले में बजट लाया गया था इसलिए यह शब्द विख्यात हो गया था।
बजट कैसे पेश किया जाता है
हर साल केंद्रीय बजट फरवरी के पहले दिन संसद में देश के वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है
बजट निर्माण की प्रक्रिया
बजट देश की आय और व्यय( खर्चे) ब्यौरा हैं।इसे एक रिपोर्ट की तरह पेश किया जाता हैं जिसमे निम्न बाते और चरण होते हैं।
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आय-व्यय का आकलन
इसके अंतर्गत आय व्यय संबंधित विवरण तैयार करने का कार्य हर एक विभाग के द्वारा शुरू कर दिया जाता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विभाग को अपने प्रशासकीय विभाग को निम्न विवरण भेजना होता है।
यह विवरण अंततः में पूरे देश की आय व्यय जानकारी लिए हुए संसद में आता हैं। फिर इन मिले आकलनों का वित्त विभाग ओर भारत सरकार द्वारा परिक्षण किया जाता हैं।
इन आंकलनो में आए जाने वाली चीजों पर चर्चा करे तो प्रत्येक विभाग पहले अपने एक वित्तीय वर्ष के खर्च का ब्योरा देता हैं।
फिर अपनी आगामी नीतियां दर्शाता है। फिर आगामी वर्ष के लिए व्यय का ब्योरा देता हैं। फिर इसी के आधार पर बजट तैयार होता हैं।
बजट प्रारूप
इसके बाद अंत में वित्त मंत्रालय के द्वारा सभी अलग-अलग विभागों के अनुमान को एक साथ जोड़ कर Budget का निर्माण किया जाता है। इस बजट को दो भागों के अंतर्गत प्रस्तावित किया जाता है, इसके अलावा भारत के अंतर्गत संपूर्ण बजट का प्रारूप वित्तीय मंत्रालय के द्वारा दिसंबर तक तैयार कर लिया जाता है।
संसद की स्वीकृति
चुकी बजट भी एक बिल (विधेयक ) हैं। तो इसे वित्त मंत्री सदन में पेश करता हैं। पेश करने का अर्थ वित्त मंत्री पूरा बजट पढ़ता है जिसे *बजट भाषण* कहते है। और इसकी एक एक प्रति सब मंत्रियों को आबंटित कर दी जाती हैं।फिर इस पर विचार किया जाता है। कुछ चर्चाओं और संशोधनो के साथ यह एक सदन से पारित हो जाता हैं फिर यह राज्य सभा में जाता हैं। चुकी यह वित्त विधेयक है अर्थात राज्यसभा इस पर पर्याप्त सुझाव दे सकती हैं।
राष्ट्रपति की मंजूरी
दोनो सदनों से पास होने के बाद बजट अंत में राष्ट्रपति के पास आता हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से बजट पास हो जाता हैं
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