
Longest day of the year | Smallest day of the year
Introduction
आइए जानते हैं वर्ष के सबसे छोटे और बड़े दिन के बारे में।
ब्रम्हांड जिसका न कोई प्रारंभ है न कोई अंत,बड़ा ही रहस्यमय हैं। यह पता कर पाना लगभग असम्भव हैं की यह कितना बड़ा हैं और यह ईश्वर की कृति है या स्वयं ईश्वर हैं। इसी ब्रम्हांड मैं स्थित हैं, हमारा सौरमंडल जिसमें आठ ग्रह और एक तारा (सूर्य) विद्यमान है। ये आठों ग्रह अपनी अपनी समयावधि में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
हमारी पृथ्वी जो क्रम में तीसरे नंबर पर आती हैं सूर्य की परिक्रमा करने में 365 दिन का समय लगती हैं। इन 365 दिनों में से 4 दिन छोड़कर बाकी सभी दिन सामान्य होते हैं अर्थात दिन रात के समय के परिपेक्ष्य में बात करें तो सामान्य दिन और सामान्य रात।
आइए अब जानते है उन चार विशेष दिनों के बारे में जो साल में सबसे अलग होते हैं।
वर्ष का सबसे लम्बा दिन – 23जून और सबसे छोटा दिन 22 दिसंबर
दिन बदलने के कारण
पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री कोण पर झुकी हुई है। और यह निरंतर सूर्य के चारो ओर घूमती रहती हैं। और अपने अक्ष पर भी घूमती है जिसकी अवधि है 24 घंटे। इस घूमती हुई पृथ्वी का कभी उपरी हिस्सा सूर्य के लगभग सामने होता है तो कभी निचला हिस्सा और कभी बिल्कुल मध्य का हिस्सा। लेकिन पृथ्वी के दोनो ध्रुव सूर्य के समक्ष कभी नही आते हैं और उसका कारण ही है उनकी ध्रुवीय स्थिति।
पृथ्वी के जो हिस्से सूर्य के सम्मुख आते हैं। और जहां तक सूर्य की सीमा होती हैं प्रकाश पहुंचाने की वैज्ञानिको ने उनके कुछ नाम रख दिए हैं जो क्रमश: हैं
उपरी हिस्सा या 23.5 उत्तरी अक्षांश का नाम है कर्क रेखा। मध्य हिस्सा या 0 डिग्री मध्य अक्षांश का नाम हैं भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा।
निचला हिस्सा या 23.5 डिग्री दक्षिणी अक्षांश का नाम हैं मकर रेखा।
सबसे लम्बा दिन
सूर्य की किरण लंबवत जब भूमध्य रेखा पर वर्ष में पहली और पड़ती है तो वह होता है 21 मार्च का। इस दिन पृथ्वी पर दिन और रात की अवधि बिल्कुल समान होती हैं क्योंकि सूर्य किरण पृथ्वी के बिल्कुल बीचों बीच गिरती हैं। फिर यह सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर या उत्तर दिशा में जाता है तो एक अक्ष पर जाकर रुक जाता है और वो अक्ष के कर्क रेखा और वह दिन है 23 जून का। 23 जून साल का सबसे लम्बा दिन है, क्योंकि उस दिन सूर्य की किरणे लंबवत कर्क रेखा पर गिरती हैं।
इस दिन सूर्य शीर्ष पर स्थित होता है इस कारण जीवो की परछाई भी उनके पैरों तले बनती है और इसी कारण कहते है की साल का सबसे लम्बा दिन आपकी परछाई भी खा जाता हैं। जहां 23 जून का दिन सबसे लम्बा दिन होता हैं तो वही इसकी रात सबसे छोटी रात होती हैं। इस दिन के बाद सूर्य सतत दक्षिणी ध्रुव की ओर जाता हैं
यह सूर्य 21 सितंबर को पुन: भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा पर पहुंचता हैं। और यह साल का दूसरा ऐसा दिन होता है, जहां दिन और रात की अवधि बिल्कुल समान होती हैं,इस स्थिति को विषुव कहते है।
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सबसे छोटा दिन
इस विषुव के बाद सूर्य फिर चल पड़ता है दक्षिण की ओर , और यह रुकता है मकर रेखा पर जाकर। यह दिन आता है 23 दिसंबर को जो साल का सबसे छोटा दिन होता हैं और इसी की रात्रि साल की सबसे लंबी रात्रि होती हैं।
यह क्रम सतत करोड़ों बरसों से चला आ रहा हैं
आज हम यह बात आधुनिक विज्ञान के कारण जान पाए हैं और आना वाला समय हमारे लिए ऐसे ही कही रहस्यों से पर्दा उठाएगा और यही कहा जाएगा विज्ञान का चमत्कार।