
Indian history gk in hindi | Indian history
Introduction
आइए जानते हैं भारत के इतिहास को
किसी राष्ट्र के विकसित करने के लिए उसके अतीत की समीक्षा आवश्यक हो जाती हैं। यह देखना जरूरी होता हैं की उसकी विरासत का कौन सा हिस्सा प्रासगिक है और कौन सा हिस्सा विकास के रास्ते में बाधक है।
भारतीय इतिहास कोई कहानियों संग्रह नही है बल्कि यह भविष्य का मार्गदर्शक हैं। भारतीय इतिहास का सिंधु घाटी सभ्यता का दौर जहां से हम जल निकास प्रणाली ,सड़क प्रणाली जैसी चीजें सीख सकते हैं ।
वही भारतीय स्वतंत्रता के बाद बनी पहली सरकार/ मंत्रीमंडल जो कही न कही नैतिकता की पर्याय थी । वहां उन पदो पर वह लोग नही बैठे थे जो चर्चित, धनी और ऊंचे लोग थे वहां उस वक्त वे लोग बैठे थे जिनमे राष्ट्र के लिए कुछ करने का अदम्य साहस और इच्छा शक्ति थी ।
आज हम ये जानेंगे कि भारत का इतिहास कितना बड़ा है कितना महान है और इसे कितने भागों में बाटा गया है। और इससे हम क्या सीख सकते है।
भारतीय इतिहास का खंड
पृथ्वी का इतिहास 450 करोड़ साल पुराना हैं, क्योंकि इतने ही वर्ष पहले पृथ्वी की उत्पति हुई थी।मानव का इतिहास 3.5 लाख वर्ष पुराना हैं। लेकिन क्या हम इतिहास में इन इतने वर्षो के हर एक पहलू का एक समान अध्ययन करते है या फिर केवल कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का अध्ययन करते है ।
हम केवल कुछ महत्व वाले बिंदुओ का अध्ययन करते हैं। आइए इस बात को इतिहासकार के. एस. लाल के अनुसार दी गई इतिहास की परिभाषा से समझते हैं” इतिहास मानव जीवन के महान कार्यों का अध्ययन हैं।
यह मानव जाति की महान और असाधारण सभ्यताओं का संकलन है”। लगभग 10 हजार वर्ष पहले आदिमानव का मानव के रूप प्रादुर्भाव हुआ। दार्शनिक हॉब्स के अनुसार पहले प्रत्येक मानव दूसरे मानव का शत्रु था।
फिर उनमें आपस में सामंजस्य प्रारभ हुआ और वो समूह में रहने लगे जिससे कबीलों का निर्माण हुआ। और इसी तरह विश्व के अनेकों क्रम में सभ्यताओं का निर्माण प्रारंभ हुआ। जैसे भारत में हड्डपा की सभ्यता , ईरान में मेसोपोटामिया की सभ्यता का उद्भव हुआ।
भारतीय इतिहास के खंड
भारतीय इतिहास को तीन खंडों को में बाटा गया हैं प्राचीन भारत का इतिहास , मध्यकालीन भारत का इतिहास, आधुनिक भारत का इतिहास।
हड़प्पा की सभ्यता से आप प्राचीन भारत का प्रारंभ मान सकते हैं। उसके पहले के इतिहास को अति प्राचीन इतिहास कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी।
प्राचीन भारत का इतिहास
हड़प्पा सभ्यता (2600 ईसा पूर्व) से लेकर अरबीयो के आगमन(712 ईस्वी) तक के इतिहास को प्राचीन भारत का इतिहास कहते हैं। इस काल में हड्डपा के बाद क्रम में वैदिक काल आता हैं। जिसमें मूल भारतीय संस्कृति का विकास होता हैं। और वेदों का निर्माण होता है। इसके बाद बौद्ध और महावीर जैसे महान विभूतियों का जन्म भारत की भूमि पर होता हैं और देश में पहला पूर्णजागरण होता हैं। फिर मौर्य काल, मोर्योत्तर काल, गुप्त काल, गुप्तोत्तर काल आता हैं।
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मध्यकालीन भारत का इतिहास
अरबीयों के आगमन के साथ प्रारंभ मध्यकालीन भारत का इतिहास अंग्रेजो के आगमन तक का इतिहास दर्शाता हैं। इस काल में मोहमद बिन कासिम के आक्रमण , मोहमद गजनवी , मोहमद गोरी से संघर्ष , फिर दिल्ली सल्तनत का प्रारभ और फीर इसी के उन्मूलन से मुगल साम्राज्य की स्थापना और उसकी समाप्ति का काल क्रम आता हैं।
आधुनिक भारत का इतिहास
औपनिवेशिक मानसिकता वाले यूरोपी लोग अपने लिए एक ऐसा स्थान खोज रहे थे जहां उन्हें पर्याप्त साधन और सुविधा मिल सके जो उन्हे उन देशों में नही मिल रहें थे।
इसी सोच के साथ वे लोग कोलंबस को भारत की खोज के लिए जहाज से भेजते है लेकिन वह अमेरिका पहुंच जाता हैं।
इसके असफल प्रयास के बाद पुर्तगाल से वास्कोडिगामा भारत की खोज में निकलता हैं। और 1498 में अपने देश के लिए भारत खोज लेता हैं। वह जल मार्ग से भारत के कोकण तट के कालीकट पर पहुंचता हैं।
इसके बाद लगातार विदेशियों का भारत आगमन जारी रहता हैं। और वो यहां विभिन्न माध्यमों से अपनी जड़े फेलाने लग जाते हैं। हालांकि कही यूरोपीय देशों ने भारत पर राज करनें की कोशिश की पर अंत में अंग्रेजो ने सबको मात देते हुए। अंग्रेजो ने भारत को अपना उपनिवेश बनाया। और 1947 तक भारत पर राज किया।
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इतिहास का महत्व
हम अपने अतीत के अभाव में न वर्तमान की सृजना कर सकते हैं न भविष्य की योजना बना सकते है। हर दृष्टि से इतिहास की उपादेयता बढ़ गई हैं। अत: इसके महत्व को जानना आवश्यक है और ये देखना आवश्यक है की हम इतिहास से क्या सीख सकते है।
1. इतिहास वर्तमान को समझने में सहायक होता हैं।
2. इतिहास राष्ट्रीय भावनाओं के विकास में सहायक होता हैं।
3. इतिहास नैतिक आचरण के सृजन में सहायक होता हैं।
4. इतिहास भविष्य के निर्माण में सहायक।