
Indian independence day 15 august | Indian independence day
स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता हैं ? (Why is Independence Day celebrated?)
आया हैं फिर वहीं शुभ दिन,
तिरंगा हर तरफ लहराया हैं !
आजाद हुए थे हम जिस दिन,
उनका बलिदान दिवस आया है !!
15 अगस्त 1947 का वह ऐतिहासिक दिन जब हमें अपने ही देश को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद करवाना पड़ा था। भारत के नागरिक दशकों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहें। अंग्रेजों ने भारतीय नागरिकों को गुलाम बनाकर उनसे कठिन पारिश्रमिक कराया था। हमारे कई क्रांतिकारी वीर अंग्रेजों को देश से भगाने और उनसे लड़ने के लिए सामने आए। इन घटनाओं के दौरान कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी और कई अन्य लोग जेल गए। हम सब स्वतंत्र भारत के नागरिक हमारे देश से प्यार करते हैं और इसका दिवस मनाने पर गर्व करते हैं। 15 अगस्त को मनाया जाने वाला स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिए एक विशेष महत्व रखता है,जो पूरे देश में से एक उत्साह के साथ मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व
दोस्तों यह आजादी जितनी आसान, सुक्ष्म और सरलता से हमें दिखाई देती है,यह उतनी सरल है नहीं। इस मिट्टी ने आजादी का सूरज देखने के लिए ना जाने अपने कितने बेटे-बेटियों की हंसते-हंसते कुर्बानी दी है। कितने हीं नौजवानों ने अपने खून से इस भूमि के चरणों का अभिषेक किया है। कितनी ही मांओं,बहनों और सुहागिनों ने अपने जीवन के रंगों से खुद को बेजार किया है। कितनी मांओं ने अपने लाड़लो को खोया है, कितनी बहनों के हाथों की राखी छीन गई है, कितनी ही पत्नियों का सुहाग मिट गया है। यह आजादी हमें यूं ही नहीं मिली है इस मिट्टी में हमारे असीमित लोगों के बलिदान का कर्ज है।
स्वतंत्रता का अर्थ
यदि आज किसी से पूछा जाए कि स्वतंत्रता का क्या अर्थ है तो बेहिचक अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात करने लग जाता है। आपको अपनी परेशानियों से मुक्त होना ही स्वतंत्रता लगता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमने अपनी आंखों से स्वतंत्रता आंदोलन नहीं देखा है और हमारे जिन बुजुर्गों ने देखा है तो उनकी बातों को कोई सुनना नहीं चाहता है। ऐसी दशा में हम स्वतंत्रता को स्वतंत्रता दिवस से जोड़कर एक दिन के लिए समारोही हो जाना पसंद करते हैं,उससे आगे हमें सोचने की फुर्सत नहीं है। जबकि स्वतंत्रता मात्र एक शब्द नहीं कितने ही वीरों के खून से सिंचित वह स्वर्णिम पल है,जो हमें प्राप्त हैं।
स्कूल और कालेजों में स्वतंत्रता दिवस
चूंकि 15 अगस्त एक राष्ट्रीय अवकाश हैं और इस दिन सभी कार्यालयों में झंडारोहण होता है। लेकिन इस दिन को अवकाश के रूप में ना मनाते हुए हमें उसे उत्साह के साथ ध्वजारोहण समारोह में भाग लेकर मनाना चाहिए। देश के कई स्कूलों कालेजों में स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जाता है। ध्वजारोहण समारोह के साथ भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता,गीत, कविता पाठ,नृत्य जैसे सांस्कृतिक एवं देशभक्ति से ओतप्रोत गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। यह दिवस लगभग पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है।
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हमारे लिए स्वतंत्रता के मायने
यदि बात हम अपने समाज की करें तो हमने सामाजिक स्वतंत्रता तो पाई है लेकिन जात-पांत, ऊंच-नीच, साम्प्रदायिकता आदि से आज भी मुक्त नहीं हुए हैं। आज भी हमारी चर्चा का विषय आरक्षण के मुद्दे पर अटका रहता है। उससे आगे सोचने की आदत हमें नहीं पड़ी है। क्योंकि राजनेता अपने निहित स्वार्थों के चलते आगे नहीं सोचने देना चाहते हैं। जहां हमें सामाजिक समानता ज़मीन पर खड़े होना चाहिए था वहां आज हम और भी छोटी-छोटी इकाइयों में बंटते जा रहे हैं। आज समाज का हर वर्ग अपने तरह का अलग-अलग वोट बैंक बन गया है। यही हाल धर्म का है। हमारे भीतर के धार्मिक उन्माद को मिटाने के बजाए उसे बढ़ा कर हमें वोटबैंक में बदला जाता है और हम खुद को बदलने देते हैं। यह वह स्वतंत्रता नहीं है जिसके लिए महात्मा गांधी ने डंडे खाए अथवा शहीदों ने फांसी के फंदे को हंसते-हंसते अपने गले में डाला था।
FAQ
हमें आजादी कब प्राप्त हुई थी ?
15 अगस्त 1947
कुछ प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम बताइए ?
महात्मा गांधी, सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु, जवाहरलाल नेहरू, रानी लक्ष्मीबाई जैसे असंख्या क्रांतिकारी।
आजाद भारत का पहला ध्वजारोहण किसने किया था ?
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने।