एक साधु की शिक्षा जो उनके जीवन को बदल देगी motivational story-story of sage

story of sage

Introduction-story of sage

lessons of a monk बहुत पुराने समय की बात है एक साधु रहा करते थे और वह बहुत शांत स्वभाव के थे I और पूरा दिन ध्यान करना और पहाड़ों पर जंगलों पर जाकर के घूमते फिरते रहना और गांव-गांव जाकर भिक्षा मांगना ऐसा ही उनका जीवन था I

साधु एक बार एक गांव में घूम फिर रहे थे अचानक उसने एक महिला को देखा जो बहुत झगड़ालू स्वभाव की थी I और हमेशा अपने पति से झगड़ते रहती थी I साधु उस महिला को देखता रहा और देख कर उसे चुपचाप चला गया लेकिन उस महिला ने साधु को नहीं देखा था I

फिर दूसरे दिन उस साधु ने उसी गांव में उसी महिला के घर के सामने पहुंचे और भिक्षा मांगने लगे I वही महिला बहार आई उसने साधु की झोली में भिक्षा डाल दी I और महिला ने साधु से कहा महात्मा जी कोई उपदेश हमें भी दीजिए साधु ने मुस्कुराया और कहा

आज नहीं कल दूंगा I

दूसरे दिन भोर को साधु निकल पड़े और फिर उस गांव में पहुंचे और उसी महिला के घर में पहुंचकर भिक्षा मांगने लगे I उस दिन उस महिला के बच्चे का जन्मदिन था इसलिए उसने खीर बनाई थी I महिला बहार आई और सोचा क्यों ना साधु को भी खीर खिला दूं I

और वह महिला एक कटोरी में खीर लेकर बाहर आई और उस महिला ने साधु से कहा I महात्मा आज मेरे बच्चे का जन्मदिन है इसलिए मैंने खीर बनाई है I और आज तो आपको हमें कोई उपदेश देना ही पड़ेगा और वह खीर लेकर खड़ी रही साधु को देने के लिए I

साधु चुपचाप कुछ सोच रहे थे I और कुछ समय बाद वह मुस्कुराए और फिर साधु ने अपने झोली में से एक बर्तन को निकाला I और उस बर्तन में गंदगी और कचरा चारों तरफ था I

जैसे ही महिला ने खीर देने के लिए आगे आई जब उसने देखा कि बर्तन गंदगी से भरा हुआ है I यह देखकर वह महिला रुक गई और महिला ने साधु से कहा महात्मा जी आपका बर्तन तो बहुत गंदा है I इसमें मैं कैसे खीर डालू महिला ने कहा लाइए इस बर्तन को मैं साफ करके लाती हूं फिर इसमें आपको खीर दूंगी I

साधु ने कहा बेटी यही मेरा उपदेश है महिला ने कहा मैं समझी नहीं महात्मा “साधु ने कहना जारी रखा जब हमारे मन के अंदर चिंता नफरत गुस्सा ईर्ष्या बुरे संस्कार भरे हुए है” तब तक हम किसी उपदेश को ग्रहण नहीं कर सकते I ठीक उस गंदी थाली की जैसे यदि बर्तन में गंदा हो तो उसमें हम खाना नहीं रख सकते तो सबसे पहले हमें अपने मन को साफ करने की जरूरत है I और उन बातों को त्याग करना चाहिए तभी हम सच्चे सुख और आनंद को अपने जीवन में पा सकते हैं नहीं तो इस तरह से लड़ाई झगड़े परिवार में अशांति को और परिवार को बर्बाद कर देते हैं I

वह महिला समझ चुकी थी उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने महात्मा से माफी मांगी और अपनी झगड़ालू स्वभाव से उसमें परिवर्तन लाया और अपने पति और बच्चों के साथ खुशी-खुशी रहने लगी I

कहानी के द्वारा सीख

जिंदगी में भी हमारे साथ ऐसा ही होता है यदि हमारे मन में नकारात्मक बातें पहले से है तो हम एक अच्छा जीवन नहीं जी सकते हैं I कुछ उदाहरण जैसे एक बर्तन में पानी पूरा पानी भरा हुआ है और यदि हम फिर उसमें पानी डालेंगे I तो सारा पानी व्यर्थ चला जाएगा या कोई बर्तन में छेद हो और यदि हम उसमें पानी डालेंगे तो वह भी व्यर्थ चला जाएगा I ठीक इसी तरह हमें अपने जीवन की उन कमजोरियों को उन बातों को पहचानना है I जो हमें आगे चलकर गिरा सकती है यदि हम उन बातों को ठीक ना करें तो इसलिए हम इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए I

आगे फिर मिलते हैं ऐसे ही शिक्षा वाली कहानियां को लेकर के तब तक आप लोग हमारे साथ ऐसे बने रहे I अपने अनुभव हमें जरूर बताएं और मुस्कुराते रहें और खुशियां बांटते रहें I

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